"जब मैंने सिरदर्द पर गूगल किया – और डॉक्टर ने मुझे पागल घोषित कर दिया 😂🧠"

सुबह के आठ बजे थे। मेरी आंख खुली तो हल्का-हल्का सिर में दर्द था। नींद शायद पूरी नहीं हुई थी या शायद रात में पकोड़े ज़्यादा खा लिए थे। मम्मी ने आवाज लगाई – "उठ जा बिटिया, स्कूल नहीं जाना क्या?" मैंने धीरे से कहा – "मम्मी, आज मेरा सर बहुत दुख रहा है…" मम्मी बोली – "थोड़ा पानी पी ले, नींबू पानी बना दूँ?" लेकिन मैं कौन? मैं थी Google पर डॉक्टर ढूंढने वाली आधुनिक बिटिया। मैंने झट से मोबाइल उठाया और सर्च किया – “सिरदर्द के कारण” गूगल साहब ने अपनी औकात दिखा दी। पहला ही रिजल्ट – "ब्रेन ट्यूमर के लक्षण: सिर के एक हिस्से में दर्द, मतली, आंखों में धुंधलापन..." मैंने माथा पकड़ा। "हे भगवान! मुझे... ट्यूमर है?" अब मेरा दिमाग वही दर्द भूलकर नए सोच में चला गया – मैंने दूसरी वेबसाइट खोली। उसमें लिखा था – "अगर सिरदर्द सुबह उठते ही हो, तो ये ब्रेन प्रेशर का संकेत हो सकता है!" और मेरा सिर तो सुबह उठते ही दुखा था! अब क्या करें? मम्मी फिर से चाय लेकर आईं – "ले बेटा, अदरक वाली चाय पी ले, आराम मिलेगा।" मैंने चाय नहीं पी। मैं टेंशन में थी। मुझे लग रहा था कि अब मेरी आखिरी स्टेज चल रही है। अब तो मैंने पूरा दिन Google पर अपनी रिपोर्ट ही निकाल ली। "सिर के बाईं ओर दर्द मतलब?" "आंखों के पीछे भारीपन – क्यों?" "क्या सिरदर्द से कैंसर हो सकता है?" हर सर्च पर डरावने जवाब। हर साइट मुझे ICU भेजने पर तुली थी। दोपहर तक मैं इतना डर गई कि मैंने रजाई ओढ़ ली और आँखें बंद करके लेट गई। मम्मी बोली – "क्या हुआ?" मैंने कहा – "मम्मी, मुझे लगता है मैं ज्यादा दिन नहीं बचूंगी…" मम्मी ने माथा छुआ – "तुझे बुखार तक नहीं है। तुझे क्या हो गया?" मैंने धीरे से कहा – "Google कहता है कि मुझे ब्रेन ट्यूमर है।" मम्मी 2 मिनट चुप रहीं, फिर इतना हँसी कि चाय गिरा दी। "Google ने तुझे ये भी नहीं बताया कि तेरा दिमाग तो है ही नहीं!" अब मम्मी से ज्यादा मैं शर्मिंदा थी। लेकिन डर फिर भी कम नहीं हुआ। अगले दिन मम्मी मुझे खींच के डॉक्टर के पास ले गईं। सरकारी हॉस्पिटल का हाल थोड़ा पुराने टीवी जैसा था, पर डॉक्टर अच्छे थे। डॉक्टर ने पूछा – "कब से दर्द है?" मैं – "कल सुबह से।" डॉक्टर – "और आपने क्या किया?" मैं – "Google पर पढ़ा…" डॉक्टर ने चश्मा नीचे करके कहा – "बस! यहीं गलती हो गई।" उन्होंने मुझे अच्छे से चेक किया, ब्लड प्रेशर नापा, आँखें देखीं और कहा – "बिटिया, ये सिरदर्द गैस से है। ज़्यादा देर तक मोबाइल देखने से और कम पानी पीने से हुआ है।" मैं हैरान – "गैस से सिरदर्द?" डॉक्टर हँसे – "गैस से लोग अपनी बीवी तक बदल देते हैं, ये तो सिरदर्द है।" मैं चुपचाप बाहर आई, लेकिन अब मेरी अकड़ गायब हो चुकी थी। मम्मी रास्ते में बोलीं – "अब समझ आया? चाय पी लेती तो सब ठीक हो जाता!" मैंने कहा – "अब तो चाय के साथ भुजिया भी खाऊंगी।" उस दिन के बाद मैंने एक चीज़ सीख ली – Google इलाज नहीं देता, उल्टा दिमाग का इलाज करवा देता है। जहाँ हल्का जुकाम हो, वो भी Google में डालो तो वो आपको बंगलुरु के हॉस्पिटल में भर्ती करवा देगा। अब मैं किसी भी छोटी परेशानी में पहले मम्मी से पूछती हूँ, फिर डॉक्टर से… Google सिर्फ रील देखने के लिए अच्छा है, बीमारी ढूंढने के लिए नहीं। --- 🔚 कहानी से क्या सीखा? – हर चीज़ Google पर मत डालो – हल्की तकलीफ में घरेलू इलाज और डॉक्टर की सलाह सबसे बेहतर – इंटरनेट पर ज़्यादा पढ़ने से डर बढ़ता है, बीमारी नहीं जाती – हँसना भी ज़रूरी है, वरना Google आपको serious बना देगा 😂

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