पापा की पुरानी साइकिल और मेरी शादी की बारात – एक इमोशनल कॉमेडी
मेरे पापा की एक लाल रंग की साइकिल थी। नहीं-नहीं, वो कोई Hero Ranger नहीं थी, बल्कि वो थी – "शेरू"। इतनी पुरानी कि अगर साइकिलों का कोई बुज़ुर्गाश्रम होता, तो वहां VIP ट्रीटमेंट मिलती।
हैंडल थोड़ा टेढ़ा, सीट पर गद्दा फटा हुआ, और ब्रेक? भगवान भरोसे। लेकिन पापा उसे ऐसे चलाते जैसे Harley-Davidson हो। बचपन में जब मैं पीछे बैठता था, तो लगता था किसी जादुई रथ पर हूँ – जो कभी भी ब्रेक न लगाए।
> मोहल्ले के बच्चे उसे देखकर हँसते, “अरे देखो, बबलू अपने पापा के साथ उड़नखटोला चला रहा है!”
लेकिन पापा को कोई फर्क नहीं पड़ता था – वो साइकिल उनकी शान थी।
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🥁 वो दिन जब मैं दूल्हा बना
> अब आते हैं मेरी शादी के दिन पर।
हल्दी, मेंहदी, सगाई – सब कुछ हुआ।
और फिर आया बारात का दिन।
गाड़ियाँ सजी थीं – इनोवा, स्कॉर्पियो, और एक चमचमाती BMW तक। सब रिश्तेदार खुशी से झूम रहे थे।
तभी पापा बोले,
“मैं बारात में ‘शेरू’ पर चलूंगा।”
> मैं हक्का-बक्का।
“पापा! ये आपकी इज्जत का सवाल है।”
“बेटा, इज्जत कभी गाड़ी से नहीं, इरादों से बनती है।”
और अगले ही पल, उन्होंने धोती-कुर्ता पहनकर ‘शेरू’ निकाल ली।
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😂 बारात की धमाल शुरुआत
> जैसे ही बारात चली, पापा सबसे आगे थे – शेरू पर झूमते हुए।
लेकिन अचानक…
चेन उतर गई!
और फिर पापा ने जैसे बैलेंस संभाला, वैसे-वैसे वो सीधा मिठाई की दुकान में घुस गए!
लड्डू बिखर गए, हलवाई घबरा गया, और बारात ठहाकों में डूब गई।
एक अंकल ने मोबाइल निकाला – वीडियो बनाया, और तुरंत Instagram पर डाल दिया –
“दूल्हे के पापा की अनोखी सवारी!”
कुछ ही घंटों में लाखों Views!
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🥹 एक इमोशनल मोड़
> जब हम दुल्हन लेने पहुंचे, तो दुल्हन वालों ने भी हँसी नहीं रोकी।
लेकिन शादी के बाद, रात को पापा मेरे पास आए।
बोले,
“बेटा, जब तू छोटा था, तू ‘शेरू’ की घंटी बजाकर हँसता था।
उस साइकिल ने तुझे स्कूल पहुँचाया, डॉक्टर के पास ले गई, और तेरा हर सपना साथ देखा…
आज जब तू अपनी ज़िंदगी की नई शुरुआत कर रहा है, तो मेरा फर्ज़ था कि वो ‘शेरू’ भी तेरे साथ चले।”
> मेरी आँखों से आँसू निकल पड़े।
> एक पल के लिए मुझे वो सारे पल याद आ गए –
जब सर्दी में पापा मुझे रजाई में से उठाकर शेरू पर स्कूल छोड़ते थे…
जब बारिश में मुझे भीगने से बचाते हुए खुद भीग जाते थे…
और जब एक बार गिरने पर मुझे गोद में उठाकर अस्पताल तक उसी साइकिल पर दौड़ पड़े थे।
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❤️ अंत जो दिल छू जाए
> आज शादी को तीन साल हो गए हैं।
BMW अब गैरेज में है… लेकिन शेरू?
वो आँगन में आज भी खड़ी है –
जंग लगी, ब्रेक और भी ख़राब, लेकिन चमकती हुई यादों के साथ।
> जब भी मैं अपने बेटे को लेकर उसे देखता हूँ, तो मन करता है –
उसे फिर से रिटायरमेंट से बाहर लाऊं।
> क्योंकि कभी-कभी…
"जिन चीज़ों को दुनिया कबाड़ समझती है, वही हमारी जड़ों की सबसे खूबसूरत निशानी होती हैं।"
🥰🥰🥰🥰
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